प्रेम की दुनिया नई बसाने दो
छोड़ो हिंसा द़ेष की बातें, गीत अमन के गाने दो
आ जाए जग में बिहान, वह वंशी मधुर बजाने दो
छोड़ो हिंसा द़ेष की बातें, गीत अमन के गाने दो
मिट जाएं सब बैर भाव, प्रेम का नया तराना दो
थिरक उठे दुनिया सारी, ताल एक मस्ताना दो
छोड़ो हिंसा द़ेष की बातें, गीत अमन के गाने दो
घोलो मत अब जहर जहां में, प्यार की पवन सुहानी दो
छठ जाएं अज्ञान अंधेरा, नव प्रकाश छा जाने दो
छोड़ो हिंसा द़ेष की बातें, गीत अमन के गाने दो
ईश्वर अल्लाह गाड गुरु को, हर दिल में बस जाने दो
मिलकर सब इंसान की सोचो, प्रेम की दुनिया नई बसाने दो
छोड़ो हिंसा द़ेष की बातें, गीत अमन के गाने दो
सुरेश कुमार चतुर्वेदी