प्रेम अविरल बहती धारा है
प्रेम अविरल बहती धारा है
जो पर्वत श्रृंखला चट्टानों को भी चीरते हुए
अपने मार्ग पर पहुंच जाती है
कोई भी अवरोध प्रेम को
अपने मार्ग से पृथक नहीं कर पाते
प्रेम अविरल बहती धारा है
जो पर्वत श्रृंखला चट्टानों को भी चीरते हुए
अपने मार्ग पर पहुंच जाती है
कोई भी अवरोध प्रेम को
अपने मार्ग से पृथक नहीं कर पाते