मनुज, सद्गति बोध-प्रेमी भानु होगा
चेत गह ,तब हिंद ऊँचा बन सकेगा|
ज्ञान लौ पर ही, सुपोषक फल पकेगा|
मिले पोषण, तभी तो तन-मन हमारा |
सुबुधिमय उत्थान पाकर के हँसेगा |
तब सयश सद्बुद्धि का सम्मान होगा |
जागरण की उर्धवगति का मान होगा |
आत्मा की उच्चता का ज्ञान पाकर |
मनुज,सद्गति बोध-प्रेमी भानु होगा|
बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता