प्रिय तुम आ जाते एक बार
प्रिय तुम आ जाते एक बार
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प्रिय तुम आ जाते एक बार!
कितनी पीड़ा,कितनी बातें कहनी थी,
पथ में फूलों सा बिछ जाते?
तार-तार उर का है गाता,
तुम रागिनी बन छा जाते!
प्रिय तुम आ जाते एक बार —–
खिल उठते पल में नयन,
हृदय के विषाद मिट जाते।
जीवन में खुशियां छा जाती,
तुम एक बार जो मिल जाते?
प्रिय तुम आ जाते जो एक बार —–
तुम्हारा पथ में निहारती रहती!
करती सपनों में ही बातें,
तुमसे मिलने की चाहत में,
आंखों में दीप से है जलते!
प्रिय तुम आ जाते जो एक बार ——
तुम ही मेरे पथ के साथी हो!
मुझमें भरे रहते,अटल विश्वास?
हे! जीवन के साथी मेरे,
देख! तुम्हारा मधुर रूप,
आ जाता मुझमें साहस?
तुम एक बार जो मिलने आते —–
दिल के गिले -शिकवे मिट जाते —
प्रिय! तुम जो आ जाते एक बार!
तुम आ जाते एक बार!!!
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर