प्रिय का इंतजार
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प्रिय का इंतजार
कर सोलह श्रृंगार,कर रही प्रियवर तेरा इंतजार।
पूनम की है रात,आ भी जाओ, करेंगे प्रेम का इज़हार।।
चांद हुआ निराश, बादलों की गड़गड़ाहट से कांपने लगी सांस।
झील में खिले हैं आशाओं के कमल,आश है, हम रहे सदा पास – पास।।
दिल में जली है विरह की ज्वाला, मन हो रहा निराश।
प्यार है जिंदगी , क्यों हो रहे होर तुम हताश।।
है सात जन्मों का है बंधन,बिखर न जाएं जीवन, जैसे हो पत्ते ताश।
जादुई पलकों को चूम लूं, बसें है इनमें सपनें बहुत खास।।
कसमें, वादें,वफ़ा के किये ,वादें हजार, रहूंगा सदैव दिल के पास।
वादा निभाऊंगा मै , बनूंगा,ग़ज़ल गायक पंकज उदास।।
ये चूड़ियां,ये झुमके,ये बिंदिया, पायलियां गा रही है प्रेम अलाप।
चातक लगाएं है टकटकी, तुम हो अक्षत की बूंद, बुझाएं प्यास, सजन की जपें जाप।।
हृदय पुष्प न मुरझाए, ये चेहरा है क्यों है उदास।
शशि ले रहा विदाई, तुम्हें आना ही होगा प्रभास।।
विभा जैन (ओज्स)
इंदौर (मध्यप्रदेश )