प्रियतमा, रुतबा रुबाब है रखे l
मुक्तक
प्रियतमा, रुतबा रुबाब है रखे l
प्रीत, प्रेमी, उसे नहीं है दिखे ll
प्यास प्रीत में इतना प्रयास रख l
कोई भी ना, दासत्व फल चखे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
मुक्तक
प्रियतमा, रुतबा रुबाब है रखे l
प्रीत, प्रेमी, उसे नहीं है दिखे ll
प्यास प्रीत में इतना प्रयास रख l
कोई भी ना, दासत्व फल चखे ll
अरविन्द व्यास “प्यास”