प्रेम पत्र
प्रियतम तेरी याद में, भूख लगे ना प्यास ।
खुश्बू बनकर महको मुझमें, दूर रहो या पास।।
फूलों पर भंवरे मडराये, खेतों में हरियाली।
सावन बीता भांदो बीता, प्रीत मिलन की आई।।
बीतत दिवस रैन नहीं कटती, प्रीत करें ना कोय।
तन्हाई जो ना मिली, तो प्रीत काहे की होय।।
वीते दिवस वीत गई रैना,आये न प्रीतम आज l
सांझ सवेरे रस्ता देखत, आंसू सूखत जात ll
कह गये प्रीतम मुझसे मोरे, अबकी एकही बार l
अबहु न आये विचलित हैं मन, बीते हैं छ: मास ll