प्रार्थना
कृपा करों हे करुणा – निधान
कृपा करों हे करुणा -निधान
जो होना है, वह तो होगा ही
जैसा लिखा है,भाग्य -विधान l
हे हरि ! हर लो दुख हमारी
कितना सुनाऊँ करके वितान
हरी रहे यह वसुंधरा हमारी
जीवन में आये नया विहान l
अंतर्यामी हो, सब जानते हो
मैं लोभी और कामी हूँ
पुरी करो मनोकामना हमारी
पूरा करो हमारा अरमान l
हे ईश ! इस जगत की
चरणों में शीश नवाता हूँ
सुन लो हमारी अर्जीअब
करों हर समस्या का निदान l
कृपा करों हे करुणा -निधान
कृपा करों हे करुणा – निधान
जो होना है, वह तो होगा ही
जैसा लिखा, भाग्य – विधान l
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@ रचना – घनश्याम पोद्दार
मुंगेर