प्रहार
बनों
प्रचंड
जीवन में
लो हर
चुनौतियों से
लोहा
सफलताएं
चूमेंगी कदम
अनेक
रखो
रफ्तार तेज
जीवन में
तभी जीत
पाओगे
प्रतिस्पर्धा के
इस दौर में
प्रखर बनो
प्रचंड बनो
करो वार तेज
अनेक
समझो मत
कमजोर
अपने को
संघर्ष ही
जीवन है
लेना है
संकल्प यह
सलफता
पायेंगे हम
अनेक
देख लो
इतिहास
जीता वही
युद्ध में
थे जिसके
प्रहार
अनेक
रखो मानसिकता
खुली हमेशा
सकारात्मक
हो विचार
नहीं है
बाधा कोई
जीवन में
करोगे फतह
शिखर
अनेक
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल