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3 May 2024 · 1 min read

प्रश्न मुझसे किसलिए?

नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

पैर में जंजीर मोटी मुंह सरीखा शांत नदिया,
हास्य पर प्रतिबंध मानो शशि तिमिर में सो लिया,
तेज जो दिनकर सरीखा सांझ छल ले इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

बांध दीं जंजीर इतनीं बड़ न पायी दो कदम,
बर्तनों को मांझने में हाथ से छूटी कलम,
स्वप्न को लेकर ह्रदय में दफ्न कर लूं इसलिए,
महिला चिकित्सक मांगने का हक तुम्हे फिर किसलिए?

नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए,
फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए?

लेखक/कवि
अभिषेक सोनी “अभिमुख”

100 Views

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