#प्रयोगात्मक_कविता-
#प्रयोगात्मक कविता-
■ चाहे-अनचाहे…!!
(राष्ट्रगीत के मुखड़े की पहली पंक्ति के शब्दों पर केंद्रित
【प्रणय प्रभात】
“जन” जितने सारे आहत।
“गण” जितने पाते राहत।
“मन” व्याकुल करता क्रंदन ।
“अधिनायक” का अभिनंदन।।
“जय” कहने में क्या जाता?
“है” माता आखिर माता।।
“भारत” वर्ष रहे आबाद।
“भाग्य-विधाता” ज़िंदाबाद।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
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