प्रभु
प्रभु की शक्ति है अनन्त,
आस्था भी है बेअन्त।
विश्वास इन पर है अटूट,
पत्थर को बनादे शक्ति रूप।
चाहे हो कुरान या हो गीता,बाइबिल मै भी सन्देश समान।
अमन शान्ति बनाए है रखनी,चाहे जो भी हो भगवान।
नाम-मजहब चाहे अनेक लेकिन प्रभु की शक्ति एक।
भेद इंसानों की है देन, सृष्टि एक तो प्रभु कैसे अनेक?
अन्तर मन से दिखे जिसे,प्रभु ने है ह्र्दय को घेरे।
बिगड़े सारे काम बनाते,मुश्किल सारी हल कर जाते।
किसी न किसी के घट मै समाते,हमारी मदद को हमेशा आते।
दुख जो कभी हमे सताए,मानो कर्मो के फल कटते जाए।
ये भी प्रभु की ही है लीला,हमारे कष्टों को कम करता जाए।
भारती विकास(प्रीति)