प्रभु शरण
प्रभु शरण
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हे सुर प्रधान हे कृपा निधान,
हे अतुल तेज धारी,
तेरी कृपा दृष्टि का प्यासा तेरा एक पुजारी,
नित मंगल गान तेरा गाता वो गोवर्धन गिरधारी,
तेरी आस में दुनिया भूला भूल गया सुध सारी।
बिसरी दुनिया दारी सारी मोह माया को त्यागा,
तेरी शरण पाई है जिसने वही प्रभु बड़भागा।
मंगल जीवन उत्तम हर क्षण नाम जपे जो तेरा,
मेरे अंदर सब तेरा है कुछ नहीं दयालु मेरा।
कृपा पात्र जो तेरा हो उससे उत्कृष्ट न कोई,
तेरी मधुर कथाएँ सुनकर जग दुनिया मोहित होई।
रूप अनेक अनेक हैं लीला हे सावरिया तेरी,
प्रेम देख हृदय का भगवन खुशियों की लगाते ढेरी,
कही बाल गोपाल बने कहीं अधर्म का तूने नाश किया,
उसकी नैया तर जाए प्रभु जिसने तुझपर विश्वास किया।।
🙏राधे राधे🙏जय श्री कृष्णा🙏
चक्षिमा भारद्वाज “खुशी”