प्रभु – लीला
** प्रभु-लीला (भजन)) **
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प्रभु जी तेरे कई नाम हैं।
बिगड़े बनते सभी काम है।
तेरी लीला अपरंपार है,
तू सब का पालनहार है,
तेरा नही कोई दाम है।
प्रभु जी तेरे कई नाम है।
तेरी माया तू ही जाने,
हर जन तुम्हे ना पहचाने,
तू ईश्वर अल्हा राम है।
प्रभु जी तेरे को नाम है।
जल-थल-नभ तेरा है साया,
सांस हैं तिरी चलती काया,
इंसान तो बस बदनाम है।
प्रभु जी तेरे कई नाम है।
तू ही तीर्थ मक्का- काबा,
मंदिर-मस्जिद तू ही ख़्वाजा,
पैगम्बर- फरिश्ता-श्याम है।
प्रभू जी तेरे कई नाम है।
तेरी लीला सबसे न्यारी,
सींचे तू ही क्यारी – क्यारी,
दिखती – रहती सरेआम है।
प्रभु जी तेरे कई नाम है।
मनसीरत राम-भजन गाये,
नाच-गाकर तुझको मनाये,
जग तेरा ही ताम-झाम है।
प्रभु जी तेरे कई नाम है।
प्रभु जी तेरे कई नाम है।
बिगड़े बनते सभी काम है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)