#शार्दुल विक्रीड़ित छंद
शार्दूल विक्रीड़ित छंद की परिभाषा और कविता
#शार्दूल विक्रीड़ित छंद
यह एक वर्णिक छंद है। इस छंद के प्रत्येक पद में उन्नीस-उन्नीस अक्षर होते हैं। प्रत्येक पद में यति बारह-सात वर्णों पर होती है। हर चरण में मगण,सगण,जगण,सगण,तगण,तगण और अंत में एक गुरू आता है।
इसमें चार पद होते हैं;अर्थात् चतुर्पदी छंद है।
मगण=SSS/222
सगण=IIS/112
जगण=ISI/121
सगण=IIS/112
तगण=SSI/221
तगण=SSI/221
गुरू=S/2
222/112/121/112/221/221/2
शार्दूल विक्रीड़ित छंद
#प्रभु जी करें नमन हैं
आ जाओ प्रभु जी करें नमन हैं, देखो हमें आ यहाँ।
झूमे है मन बावरा लगन में, देखो इसे आ यहाँ।।
सीधा-सा सम भार ले रहन है, देखो ज़रा आ धरा।
नाता सावन-मोर-सा गहन है, देखो इसे आ धरा।।
#आर.एस. ‘प्रीतम’