चाहता हूं।
मैं सब से प्यार लुटाऊं,
वह दुआएं चाहता हूं
ऐ मेरे रब!! मैं हर इक सांस में
सुंदर सुहानी महक चाहता हूं ।।
अपनी आवाज की खुशबू की,
हवाएं चाहता हूं।
ऐ खुदा मेरे ऊपर आपका,
एक रहम चाहता हूं।
ग़म की परछाइयों से दूर,
यह धरा चाहता हूं।
जिससे सारा जहां खुशनुमा दिखे,
बस ऐसी दुआ चाहता हूं।
मैं अपनी आंखों की पुतलियों का,
रंग हरा चाहता हूं।
मैं सब पर प्यार लुटाऊं,
बस वह दुआ चाहता हूं।।
© अभिषेक पाण्डेय अभि