Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 1 min read

प्रभात

स्वर्ण किरणों से नहाकर।
सुनहरी अलकें सजाकर।
भोर आयी लालिमा ले-
दान देता कर दिवाकर।

व्योम मण्डल का महावर।
माँग स्वर्णिम वो सजाकर।
चमकती मोती रजत की-
अरुण छवि को अंक में भर।

लालिमा तट बिन्दु लाकर।
दिव्य सरिता में समाकर।
स्वर्णजल का भान करती-
प्रवाहित मारुत सुधाकर।

आरती धरती सजाकर।
नेह आँचल में छुपाकर।
प्रार्थना आराध्य की अब-
कर रही नव गीत गाकर।

चिन्त्यमय नव प्राण पाकर।
पुष्प जागे खिल -खिलाकर।
जागरण की भव्य मुक्ता-
विहँसती धरणी लुटाकर।

व्योम में पुलकित प्रभाकर।
देवि ऊषा को मनाकर।
कर रहे श्रृंगार जग का-
विमल मुक्ता को हँसाकर।

डा.मीना कौशल
‘प्रियदर्शिनी’

Language: Hindi
158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Meena Kaushal
View all
You may also like:
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
व्यक्ति महिला को सब कुछ देने को तैयार है
शेखर सिंह
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*चलो तिरंगा फहराऍं हम, भारत के अभिमान का (गीत)*
*चलो तिरंगा फहराऍं हम, भारत के अभिमान का (गीत)*
Ravi Prakash
किसी को उदास पाकर
किसी को उदास पाकर
Shekhar Chandra Mitra
रतन टाटा जी
रतन टाटा जी
Paurnima Sanjay Kumbhar
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
क्यों करते हो गुरुर अपने इस चार दिन के ठाठ पर
Sandeep Kumar
"जरूरतों में कम अय्याशियों में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ll
पूर्वार्थ
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
श्री श्याम भजन 【लैला को भूल जाएंगे】
Khaimsingh Saini
तो मैं उसी का
तो मैं उसी का
Anis Shah
"कथरी"
Dr. Kishan tandon kranti
सृजन और पीड़ा
सृजन और पीड़ा
Shweta Soni
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Kashtu Chand tu aur mai Sitara hota ,
Sampada
3217.*पूर्णिका*
3217.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
ओ जोगी ध्यान से सुन अब तुझको मे बतलाता हूँ।
Anil chobisa
चंद अशआर
चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
Ashwini sharma
शिव सुखकर शिव शोकहर, शिव सुंदर शिव सत्य।
शिव सुखकर शिव शोकहर, शिव सुंदर शिव सत्य।
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसी ने आंखें बंद की,
किसी ने आंखें बंद की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधमी अंधकार ....
अधमी अंधकार ....
sushil sarna
जन्मदिन का ये शुभ अवसर
जन्मदिन का ये शुभ अवसर
Mamta Rani
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
gurudeenverma198
बारिश की बूँदें
बारिश की बूँदें
Smita Kumari
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
পছন্দের ঘাটশিলা স্টেশন
Arghyadeep Chakraborty
अरे रामलला दशरथ नंदन
अरे रामलला दशरथ नंदन
Neeraj Mishra " नीर "
..
..
*प्रणय*
नारी अस्मिता
नारी अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
हम उस पीढ़ी के लोग है
हम उस पीढ़ी के लोग है
Indu Singh
बरक्कत
बरक्कत
Awadhesh Singh
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
जो शख़्स तुम्हारे गिरने/झुकने का इंतजार करे, By God उसके लिए
अंकित आजाद गुप्ता
Loading...