प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक
अतीत के झरोखों से
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प्रदीप : श्री दिवाकर राही का हिंदी साप्ताहिक (26-1-1955 से 18-7-1966)
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“प्रदीप” रामपुर से “ज्योति” के बाद प्रकाशित दूसरा हिंदी साप्ताहिक था ।यह श्री रघुवीर शरण दिवाकर राही का पत्र था जो उर्दू के जाने-माने शायर, हिंदी के प्रतिभाशाली कवि, प्रखर चिंतक तथा दीवानी मामलों के ऊँचे दर्जे के वकील थे।
प्रदीप का पहला अंक 26 जनवरी 1955 को तथा अंतिम अंक 18 जुलाई 1966 को प्रकाशित हुआ। इस तरह साढे़ दस वर्षों तक प्रदीप ने रामपुर के साहित्यिक, सामाजिक और राजनीतिक जीवन में अपनी धारदार लेखनी की एक अलग ही पहचान बनाई ।यह उचित ही था क्योंकि श्री दिवाकर राही उन लेखकों में से थे, जिनकी लेखनी की सुगंध से ही यह पता लगाया जा सकता था कि यह लेख श्री दिवाकर राही.का है। ऐसी सुगठित ड्राफ्टिंग जो दिवाकर जी लिखते थे ,भला और कौन लिख सकता था । सधे हुए शब्दों में अपनी बात को कहना और विरोधी को निरुत्तर कर देना ,यह केवल दिवाकर जी के ही बूते की बात थी ।
प्रदीप ने प्रकाशित होते ही अपनी गहरी छाप पाठकों पर छोड़ी । स्थानीय समाचारों से लेकर राष्ट्रीय परिदृश्य पर प्रदीप की गहरी नजर थी। इसके विशेषाँक अनूठे होते थे और उसमें काव्यात्मक टिप्पणियाँ विशेषाँक को चार चाँद लगा देती थीं। दिवाकर जी की जैसी विचारधारा थी, उसके अनुरूप प्रदीप ने धर्मनिरपेक्ष ,समाजवादी और बल्कि कहना चाहिए कि मनुष्यतावादी दृष्टिकोण को सामने रखकर अपनी यात्रा आरंभ की।
प्रदीप निडर था और किसी के सामने झुकने वाला नहीं था । जो सत्य था, उसी को पाठकों के सामने प्रस्तुत करने में प्रदीप का विश्वास था । प्रदीप वास्तव में देखा जाए तो खोजी पत्रकारिता और घोटालों को उजागर करने की दृष्टि से भी एक गंभीर पत्र रहा। यह सब इस बात को दर्शाता है कि प्रदीप की स्थापना और उसका संचालन श्री रघुवीर शरण दिवाकर राही के जिस योग्य हाथों में था ,वह निर्मल विचारों को वातावरण में बिखेरने में विश्वास करते थे। आदर्श हमेशा ऊँचा ही होना चाहिए, यह दिवाकर जी का मानना था। और यही प्रदीप का भी ध्येय था।
मैंने 1985 में जब दिवाकर जी का ” रामपुर के रत्न” पुस्तक के लिए इंटरव्यू लिया था, तब उसके बाद उन्होंने सौभाग्य से प्रदीप के प्रवेशांक का पृष्ठ तीन और चार भेंट स्वरूप मुझे दिया, जो मेरे पास एक अमूल्य दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रहा।
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लेखक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1