Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2021 · 1 min read

प्रतीक

शीर्षक – प्रतीक

विधा – व्यंग्य कविता

परिचय – ज्ञानीचोर
शोधार्थी व कवि साहित्यकार
मु.पो. रघुनाथगढ़, सीकर राजस्थान
मो. 9001321438

वो बेरोजगार है,समझें कुछ
अरे! वो बेरोजगार समझे…!
अरे! बात साधारण नहीं है
भाषा की व्यंजना समझ…!
इतनी सीधी बात नहीं है ये!

समझ लक्षणा से प्रतीक को
वो खुश है अपने में ही….!
नहीं समझें, बेरोजगारी का
मतलब नहीं जाना आजकल
तू नहीं समझेगा व्यंजना को।

कभी प्यार नहीं किया तूने
तुम बेरोजगार नहीं हो न
तुम शादीशुदा जो हो …!
बेरोजगार होते तो बनते
विद्वान भाषा के फिर जानते।

प्यार तभी सच्चा जीवन में
जब आदमी बेरोजगार हो
रोजगार मिला प्यार टूटा
शादी हुई मतलब नहीं समझे
मतलब नौकरी सरकारी मिली

सच्चा प्यार बेरोजगारी में ही
रोजगार वाले करेंगे रंगरेलियाँ
बेरोजगारी और प्यार का साम्य
अद्भुत घटना जीवन की….
अब भी कुछ न समझे…!

प्यार प्रतीक बेरोजगारी का
बेरोजगार होने का मतलब
संकेत है प्यार करने का …
इस तरह शादी अर्थ नौकरी
भाषा पढ़ नौकरी की…!

प्यार की भाषा में है
बेरोजगारी का व्याकरण
बेरोजगारी में काव्यशास्त्र
शादी की भाषा में है
नौकरी का मनोविज्ञान।

Language: Hindi
1 Like · 397 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अभिनेता बनना है
अभिनेता बनना है
Jitendra kumar
आडम्बर के दौर में,
आडम्बर के दौर में,
sushil sarna
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
हर बार मेरी ही किस्मत क्यो धोखा दे जाती हैं,
Vishal babu (vishu)
चंदा मामा (बाल कविता)
चंदा मामा (बाल कविता)
Ravi Prakash
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गले की फांस
गले की फांस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
तुम्हारी छवि...
तुम्हारी छवि...
उमर त्रिपाठी
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
हम जिएँ न जिएँ दोस्त
Vivek Mishra
इंतहा
इंतहा
Kanchan Khanna
दुनिया की गाथा
दुनिया की गाथा
Anamika Tiwari 'annpurna '
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
खामोशी से तुझे आज भी चाहना
Dr. Mulla Adam Ali
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
सदियों से जो संघर्ष हुआ अनवरत आज वह रंग लाई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मनभावन बसंत
मनभावन बसंत
Pushpa Tiwari
आज़माइश कोई
आज़माइश कोई
Dr fauzia Naseem shad
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Mangilal 713
वोट की खातिर पखारें कदम
वोट की खातिर पखारें कदम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
Punam Pande
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
अष्टम् तिथि को प्रगटे, अष्टम् हरि अवतार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
ऐ दिल सम्हल जा जरा
ऐ दिल सम्हल जा जरा
Anjana Savi
एक मुक्तक
एक मुक्तक
सतीश तिवारी 'सरस'
#हाँसो_र_मुस्कान
#हाँसो_र_मुस्कान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बुंदेली दोहा
बुंदेली दोहा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं स्वयं हूं..👇
मैं स्वयं हूं..👇
Shubham Pandey (S P)
कविता - 'टमाटर की गाथा
कविता - 'टमाटर की गाथा"
Anand Sharma
तबीयत मचल गई
तबीयत मचल गई
Surinder blackpen
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
❤️सिर्फ़ तुझे ही पाया है❤️
Srishty Bansal
Loading...