Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2024 · 1 min read

प्रतीक्षा

ये उदास सी शाम
कुछ लोहित सा आसमान
सूरज भी ऊबा सा
समुद्र के तट पर लेटा
आख़िरी किरण के डूबने का
इंतज़ार करता था
इंतज़ार मुझे भी था
अंधेरा घिर आने का
रौशनी के खो जाने पर
तुम्हारे आने का
तेरी मधुर याद में मन खोया था
स्मृति के कई बार पढ़े
पन्नों को पलटता था
चित्र कुछ धुँधले थे
जब हम-तुम मिले थे,
साथ-संग हँसे थे
रोये थे, चुप हुए थे…
जिन्दगी रंगीन थी
बेहद हसीन थी,
अचानक ये क्या हुआ?
वो साथ छूट गया
ग़लती कुछ तुम्हारी थी
कुछ नादानी हमारी थी
आज भी याद है
कैसे दिल टूटा था
आँसुओं के सैलाब में
मेरा वज़ूद डूबा था…
आज भी वहीं इंतजार करती हूँ
जहाँ बरसों पहले
हमारा साथ छूटा था,
साथ का वो मंज़र बहुत याद आता है
कभी ये हँसाता कभी ये रुलाता है

1 Like · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनोखा बंधन...... एक सोच
अनोखा बंधन...... एक सोच
Neeraj Agarwal
"पता"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
Keshav kishor Kumar
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
2801. *पूर्णिका*
2801. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"" *जीवन आसान नहीं* ""
सुनीलानंद महंत
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
बहुत भूत भविष्य वर्तमान रिश्ते प्रेम और बाकी कुछ भी सोचने के
पूर्वार्थ
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
जो सोचूँ मेरा अल्लाह वो ही पूरा कर देता है.......
जो सोचूँ मेरा अल्लाह वो ही पूरा कर देता है.......
shabina. Naaz
पिता
पिता
Mamta Rani
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
बीती एक और होली, व्हिस्की ब्रैंडी रम वोदका रंग ख़ूब चढे़--
Shreedhar
नशा ख़राब है l
नशा ख़राब है l
Ranjeet kumar patre
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
*प्रणय प्रभात*
न हम नजर से दूर है, न ही दिल से
न हम नजर से दूर है, न ही दिल से
Befikr Lafz
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
प्रेम परिवर्तन के ओर ले जाता है, क्रोध प्रतिशोध के ओर, दोनों
Ravikesh Jha
" वो क़ैद के ज़माने "
Chunnu Lal Gupta
उफ़  ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
उफ़ ये लम्हा चाय का ख्यालों में तुम हो सामने
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
बिखर के भी निखरना है ,
बिखर के भी निखरना है ,
Neeraj kumar Soni
त्राहि त्राहि
त्राहि त्राहि
Dr.Pratibha Prakash
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
मैं शब्दों का जुगाड़ हूं
भरत कुमार सोलंकी
* सामने आ गये *
* सामने आ गये *
surenderpal vaidya
उदर क्षुधा
उदर क्षुधा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
*आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*आपको सब ज्ञान है यह, आपका अभिमान है 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
भीम के दीवाने हम,यह करके बतायेंगे
gurudeenverma198
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
सांसें स्याही, धड़कनें कलम की साज बन गई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
सज धज के आज वो दीवाली मनाएगी
इशरत हिदायत ख़ान
Loading...