Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

प्रतीक्षा-पत्र

साॅंझ का धुंधलका
मन में उतर गया।
वक्त के साथ -साथ
सब कुछ बदल गया।
पंगु होती जा रही
बूढ़ी माँ की आस।
कुंठाऍं घेर रही
मन का आकाश।
कजरारी ऑंखों में
पानी भर गया।
प्रतीक्षारत सिन्दूर
गम में ढल गया।
कब निकलेगी यह
कंटीली फांस?
क्या उसे होता नहीं
दर्द का अहसास?
पैसा नहीं सब कुछ
सोच दिल भर गया।
तड़पता है वह भी
जब से निकल गया।
खींचता है अपनों का
स्नेह और विश्वास‌।
अपनी माटी की
सौंधी- सौंधी सांस।
दिल का दर्द
कागज पे उतर गया।
लौटूंगा जल्दी ही
हरफों में ढल गया।
प्रतीक्षा में चमकेगी
ऑंखें उदास।
साॅंझ का धुंधलका
बनेगा प्रकाश।
—प्रतिभा आर्य,
अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
14 Likes · 8 Comments · 500 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all
You may also like:
डॉक्टर
डॉक्टर
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सूर्य तम दलकर रहेगा...
सूर्य तम दलकर रहेगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
प्रेम और आदर
प्रेम और आदर
ओंकार मिश्र
Fragrance of memories
Fragrance of memories
Bidyadhar Mantry
नजरों  के वो पास  हैं, फिर भी दिल दूर ।
नजरों के वो पास हैं, फिर भी दिल दूर ।
sushil sarna
कर्मठ बनिए
कर्मठ बनिए
Pratibha Pandey
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो,
ओसमणी साहू 'ओश'
💐 *दोहा निवेदन*💐
💐 *दोहा निवेदन*💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
लोगों के दिलों में,
लोगों के दिलों में,
नेताम आर सी
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अगर पात्रता सिद्ध कर स्त्री पुरुष को मां बाप बनना हो तो कितन
अगर पात्रता सिद्ध कर स्त्री पुरुष को मां बाप बनना हो तो कितन
Pankaj Kushwaha
If he could do it, so can you.
If he could do it, so can you.
पूर्वार्थ
आज भी
आज भी
Dr fauzia Naseem shad
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
Ranjeet kumar patre
नज़र नहीं आते
नज़र नहीं आते
surenderpal vaidya
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
चलो गगरिया भरने पनघट, ओ बाबू,
चलो गगरिया भरने पनघट, ओ बाबू,
पंकज परिंदा
बाहर के शोर में
बाहर के शोर में
Chitra Bisht
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
कोई भी जीत आपको तभी प्राप्त होती है जब आपके मस्तिष्क शरीर और
Rj Anand Prajapati
4362.*पूर्णिका*
4362.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
Aarti sirsat
*Rising Waves*
*Rising Waves*
Veneeta Narula
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
लोगों के रिश्मतों में अक्सर
लोगों के रिश्मतों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता
Jogendar singh
मर्द की मोहब्बत औरत को हमेशा जवान रखती है जबकि मर्द से मिली
मर्द की मोहब्बत औरत को हमेशा जवान रखती है जबकि मर्द से मिली
इशरत हिदायत ख़ान
"पृथ्वी"
Dr. Kishan tandon kranti
निगाहों से पूछो
निगाहों से पूछो
Surinder blackpen
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
*सुवासित हैं दिशाऍं सब, सुखद आभास आया है(मुक्तक)*
Ravi Prakash
Loading...