प्रतिशोध
क्रोध , वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति ,
विवेक भंजन नकारात्मक संहारक शक्ति ,
अंतस अनल उत्सर्जित दहन भावना ,
घृणा प्रेरित विनाशक प्रतिकार कामना ,
ह्रदय कंटक बनी कष्ट कारक अनुभूति ,
वाणी , विचार ,आचार , व्यवहार नकारात्मक अभिव्यक्ति ,
सतत् संचरित द्वेषगरल युक्त संघर्षरत् जीवन ,
तिमिरयुक्त अंतःकरण शत्रुवत् हानिकारक मन।