Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2021 · 1 min read

प्रतिरोध की दिशा

अपने आक्रोश को
दिशा दो एक!
अपने प्रतिरोध को
दिशा दो एक!!
तुम इस व्यवस्था से
लिए जाने वाले
अपने प्रतिशोध को
दिशा दो एक!!
Shekhar Chandra Mitra
#OshoVision
#RomanticRebel

Language: Hindi
1 Like · 536 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी करता है
जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी करता है
Rituraj shivem verma
*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
Dr. Rajeev Jain
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
वो कहते हैं कहाँ रहोगे
VINOD CHAUHAN
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
आज भी
आज भी
Dr fauzia Naseem shad
सरोकार
सरोकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ड़ माने कुछ नहीं
ड़ माने कुछ नहीं
Satish Srijan
"यात्रा पर निकलते समय, उन लोगों से सलाह न लें जिन्होंने कभी
पूर्वार्थ
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
सिद्धार्थ गोरखपुरी
योग की महिमा
योग की महिमा
Dr. Upasana Pandey
जामुन
जामुन
शेखर सिंह
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम
गुमनाम 'बाबा'
आवारा बादल फिरें,
आवारा बादल फिरें,
sushil sarna
बस तू हीं नहीं मुझसे एक बेवफ़ा हुआ...
बस तू हीं नहीं मुझसे एक बेवफ़ा हुआ...
Shweta Soni
कामयाबी का नशा
कामयाबी का नशा
SHAMA PARVEEN
तू क्या जाने कितना प्यार करते हैं तुझसे...
तू क्या जाने कितना प्यार करते हैं तुझसे...
Ajit Kumar "Karn"
पृथ्वी की दरारें
पृथ्वी की दरारें
Santosh Shrivastava
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
कभी-कभी एक छोटी कोशिश भी
Anil Mishra Prahari
मत फैला तू हाथ अब उसके सामने
मत फैला तू हाथ अब उसके सामने
gurudeenverma198
स्वयंभू
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
#आज_की_सार्थकता
#आज_की_सार्थकता
*प्रणय*
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
Manisha Manjari
4499.*पूर्णिका*
4499.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
डॉक्टर रागिनी
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
आकाश महेशपुरी
हम
हम
Adha Deshwal
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
Aarti sirsat
Loading...