” प्रतिबन्ध बनल हमर ‘कुंडल ‘
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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नेना रहि त माय कहलनि-
“आगि सं काते रहू !”
बाबा कहेत छलाह-
“लालटेन सं पाकि जायब ”
अंगने मे खेलू ,बहार नऽ जाऊ !
बाध,वन,गाछी मे ‘भकुआ ‘रहित अछि
धऽ लेत त घर केना आयब ?”
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गुरु जी कहलाह- ‘शनिचरा ‘
नञ बिसरब ”
सबक ,पहाडा ,साते भवतु
कंटस्थ राखब !
शिष्टाचार ,मृदुलता ,सद्भाव
सं जे कनिको विचलित भेलहुँ
त हम नहि बुझब !!”
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नौकरी मे पोशाक क निरिक्षण
वरिष्ट कहलाह- “शेविंग
सबदिन अनिवार्य अछि ”
चाल ढाल चुस्त करू !
सवे सन्तु निरामया क मंत्र जपू !!
देशक हित प्रथम …
तखन ..यूनिट आ व्यक्ति
तृतीय ..समय भेटत
त अपना विषय मे सोचू !! ”
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प्रतिबन्ध बनल आशीष हमर
एकरे प्रताप सं
रूप सजल !
आब नहि अबूह लागय हमरा
हम बूझि लेलहुं कर्णक ‘कुंडल ‘ !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत