प्रकृति
प्रकृति जो मधुर गीत गाती हैं
वो सबको कहाँ सुनाई देती है
झरनों की तरंग में,
इन हरे भरे वादियों में
जाने कितने ही रंग समाई होती है।
सुन सको तो सुन लो,
चुन सको तो चुन लो,
फिर ये मनोरम दृश्य
शहरो में कहाँ पाई जाती है।
लक्ष्मी सिंह
प्रकृति जो मधुर गीत गाती हैं
वो सबको कहाँ सुनाई देती है
झरनों की तरंग में,
इन हरे भरे वादियों में
जाने कितने ही रंग समाई होती है।
सुन सको तो सुन लो,
चुन सको तो चुन लो,
फिर ये मनोरम दृश्य
शहरो में कहाँ पाई जाती है।
लक्ष्मी सिंह