Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2017 · 1 min read

प्रकृति

प्रकृति जो मधुर गीत गाती हैं
वो सबको कहाँ सुनाई देती है
झरनों की तरंग में,
इन हरे भरे वादियों में
जाने कितने ही रंग समाई होती है।
सुन सको तो सुन लो,
चुन सको तो चुन लो,
फिर ये मनोरम दृश्य
शहरो में कहाँ पाई जाती है।
लक्ष्मी सिंह

626 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

प्रकृति की पुकार
प्रकृति की पुकार
AMRESH KUMAR VERMA
सुन्दरता
सुन्दरता
Rambali Mishra
करोगे श्रम मनुज जितना
करोगे श्रम मनुज जितना
लक्ष्मी सिंह
तेवरी : युग की माँग + हरिनारायण सिंह ‘हरि’
तेवरी : युग की माँग + हरिनारायण सिंह ‘हरि’
कवि रमेशराज
मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी
मैं बन जाऊँ निगाह तुम्हारी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
■ नेशनल ओलंपियाड
■ नेशनल ओलंपियाड
*प्रणय*
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
Diwakar Mahto
डर के आगे जीत।
डर के आगे जीत।
Anil Mishra Prahari
कैसे सँवार लूं
कैसे सँवार लूं
हिमांशु Kulshrestha
"कदम्ब की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
क्षणिका
क्षणिका
Vibha Jain
आजकल मैं
आजकल मैं
Chitra Bisht
ये तुम्हें क्या हो गया है.......!!!!
ये तुम्हें क्या हो गया है.......!!!!
shabina. Naaz
Destiny’s Epic Style.
Destiny’s Epic Style.
Manisha Manjari
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
Dr. Rajeev Jain
शिष्टाचार की बातें
शिष्टाचार की बातें
संतोष बरमैया जय
अपने-अपने संस्कार
अपने-अपने संस्कार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बदलाव
बदलाव
Shyam Sundar Subramanian
अभिव्यक्ति की सामरिकता - भाग 05 Desert Fellow Rakesh Yadav
अभिव्यक्ति की सामरिकता - भाग 05 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
भूमि भव्य यह भारत है!
भूमि भव्य यह भारत है!
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
मैंने यह जान लिया कि....
मैंने यह जान लिया कि....
Ajit Kumar "Karn"
स्वाधीनता के घाम से।
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
seema sharma
स्वर्णिम दौर
स्वर्णिम दौर
Dr. Kishan tandon kranti
गांव प्यारा
गांव प्यारा
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
*छॉंव की बयार (गजल संग्रह)* *सम्पादक, डॉ मनमोहन शुक्ल व्यथित
Ravi Prakash
आरामदायक है भारतीय रेल
आरामदायक है भारतीय रेल
Santosh kumar Miri
क्या कहूँ ?
क्या कहूँ ?
Niharika Verma
हंसिए
हंसिए
Kunal Kanth
Loading...