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11 Jun 2023 · 1 min read

प्रकृति

दोष नही हमारा कुछ बातें हम भूल गये ।
खलिते खिलते मुरझा बचपन के फूल गये ।
प्रकृति में ही मिलता है जीवन का आनंद,
किन्तु सभी क्रतिम इन उपकरणों में झूल गये

प्रकृति में खिले फूल बहुत ही प्‍यारे हैं।
मिट्टी के घरौंदे अब इंसान के न्‍यारे हैं।
प्रकृति को बिना समझे दोहन हैं करते,
दिखावट के लिये बनाये बड़े ही नजारे हैं।
अभिषेक शर्मा

Language: Hindi
97 Views
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