Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2020 · 1 min read

प्रकृति है सबसे बड़ी गुरु ( शिक्षक -दिवस पर विशेष )

प्रकृति है सबसे बड़ी गुरु ,
आदि और अनंत से गुरु ,
सनातन है सत्य है यह ,
शाश्वत है परम गुरु ।
जीवन- मरण की परिभाषा ,
यह समझाये ,
विध्वंस और विनाश की महत्ता ,
भी यह समझाये ।
प्रकृति का कण- कण है विभिन्न ज्ञान ,
को समेटे ।
भला प्रकृति से बड़ा गुरु कौन कहलाए।
सभी वेद ,पुराणों ,शास्त्रों में दर्ज़ है जो मानवता ,
उस मानवता का पाठ प्रकृति पढ़ाये।
पर्वतों से अटलता और विशालता ,
मानव के ह्रदय को सिखाये ।
नदियों में शीतलता और निर्मलता ,
मानव को अहिंसा ,दया और प्रेम सिखाये ।
वृक्षों का परोपकार ,स्नेह-आश्रय ,
मानव में अपने ही गुण जगाए।
धरती सिखाये सहनशीलता ,अपनी संतान हेतु ,
जो हर प्रकार का कष्ट उठाए ।
आकाश सिखाये समरसता ,
भले -बुरे प्राणियों को एक छ्त्र में समेटे हुए ।
हवा की अविरलता ,और गति ,
मानव के श्वासों में विकास का नया जोश जगाए ।
सूरज की तपन ,और चाँद की शीतलता ,
कहाँ प्राणियों में भेद कराये !
तो इस प्रकार यह प्रकृति कितना देती है,
अन्न ,प्राण , स्थान , ऊर्जा ,जीवन और शिक्षा ,
सभी कुछ तो देती है, देते नहीं अघाती है।
बस देती है ,लेती कुछ नहीं,
निस्वार्थता का सबसे बड़ा गुण मानवों को सिखाती है।
मेरी दृष्टि में सबसे बड़ी गुरु हमारी प्रकृति है।
जो ईश्वर ने हमें प्रदान की है।
इस प्रकृति का सम्मान करो ,इसकी संभाल करो ,
क्योंकि हमारी सबसे बड़ी गुरु हमारी प्रकृति है।

Language: Hindi
3 Likes · 7 Comments · 631 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
VINOD CHAUHAN
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कवि दीपक बवेजा
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Harish Chandra Pande
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अपने होने का
अपने होने का
Dr fauzia Naseem shad
जी-२० शिखर सम्मेलन
जी-२० शिखर सम्मेलन
surenderpal vaidya
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/249. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बलवान"
Dr. Kishan tandon kranti
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
चमकते सूर्य को ढलने न दो तुम
कृष्णकांत गुर्जर
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
*शब्दों मे उलझे लोग* ( अयोध्या ) 21 of 25
Kshma Urmila
#आदरांजलि
#आदरांजलि
*Author प्रणय प्रभात*
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
धारा ३७० हटाकर कश्मीर से ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
तुम्हें ना भूल पाऊँगी, मधुर अहसास रक्खूँगी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
रस का सम्बन्ध विचार से
रस का सम्बन्ध विचार से
कवि रमेशराज
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
"लोगों की सोच"
Yogendra Chaturwedi
*अटल बिहारी जी नमन, सौ-सौ पुण्य प्रणाम (कुंडलिया)*
*अटल बिहारी जी नमन, सौ-सौ पुण्य प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
कहते हैं मृत्यु ही एक तय सत्य है,
पूर्वार्थ
मैं आग लगाने आया हूं
मैं आग लगाने आया हूं
Shekhar Chandra Mitra
दोहा मुक्तक -*
दोहा मुक्तक -*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
एक गजल
एक गजल
umesh mehra
बारिश के लिए तरस रहे
बारिश के लिए तरस रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
चलना, लड़खड़ाना, गिरना, सम्हलना सब सफर के आयाम है।
Sanjay ' शून्य'
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
अपना ही ख़ैर करने लगती है जिन्दगी;
manjula chauhan
मज़हब नहीं सिखता बैर
मज़हब नहीं सिखता बैर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
सुख -दुख
सुख -दुख
Acharya Rama Nand Mandal
9) “जीवन एक सफ़र”
9) “जीवन एक सफ़र”
Sapna Arora
Loading...