प्रकृति के फितरत के संग चलो
बिकास के अंधी दौड़ मे जिसे देखो वही सब?
अरे भाई क्यूं तुम दूर भागे जा रहे हो?
प्रकृति पर्यावरण सब काम आएंगें
प्रकृति के फितरत के संग चलो।
कंक्रीट के जंगल बनाकर प्रकृति को छेड़कर
मानव जीवन का ही नुकसान हो रहा
आफत आसमानी कोरोना संकट
फिर भी क्यों सचेत नहीं हो रहे हो?
खेत खलिहान नदि तालाब झड़ने
फल फूल अनाज पेड़ पौधें
ये सब बेहद किमती है
इन्हें तो बचाए रखो.
मानव अस्तित्व को ही संकट हो
फिर एसे निर्माण बिकास का क्या करोगे?
प्रकृति पर्यावरण सब तुम्हें ही काम आएंगे
प्रकृति के फितरत के संग चलो.
प्रकृति की रक्षा मानव जीवन की रक्षा है
यही सोचकर भी तो सही
प्रकृति को बचाए रखो
मनुष्य और प्रकृति के रिशते को बचाए रखो.
गलोवल वार्मिंग असमय बरसात कोरोना महामारी
ये सब तो मानवीय करतूत ही तो है.
अब भी पर्यावरण के प्रति सचेत हो जाओ
प्रकृति के फितरत के संग चलो.
कवि- डाॅ. किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)
15/07/2023