Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2020 · 1 min read

प्रकृति की प्रवृत्ति

प्रकृति की प्रवृत्ति है निरंतर बढ़ते रहना
धरा पे हो अनुचित प्रवृत्ति सब सहते रहना

सब बच्चों को प्यार स्नेह वो देती है
सबका बोझ उठाती है माता वो कहलाती है

करती नहीं है वो किसी में भेदभाव
सबको एकसमान हवा देना है स्वभाव

प्रकृति हमें सब कुछ निरंतर देती रहती
लेती ना हमसे कुछ फल-फूल सब देती रहती

सूर्य चन्द्रमा देते प्रकाश तारे भी टिमटिमाते हैं
हवा हो या हो बरसात सभी अपना योगदान देते हैं

दया,क्षमा वो रखती है परोपकार सबपे करती है
पेड़ शीतलता देती राहगीरों की थकान हरती है

नदी अम्बर और पेड़ पौधे ईश्वर ने क्या खूब बनाया
चिड़ियों की चहचाहट से धरा को सुरमय बनाया

ममता रानी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Rani
View all
You may also like:
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
स्वप्न लोक के खिलौने - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-537💐
💐प्रेम कौतुक-537💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
कवि दीपक बवेजा
" मन मेरा डोले कभी-कभी "
Chunnu Lal Gupta
देखो भालू आया
देखो भालू आया
Anil "Aadarsh"
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
उड़ान ~ एक सरप्राइज
उड़ान ~ एक सरप्राइज
Kanchan Khanna
2245.
2245.
Dr.Khedu Bharti
12) “पृथ्वी का सम्मान”
12) “पृथ्वी का सम्मान”
Sapna Arora
" मिलन की चाह "
DrLakshman Jha Parimal
अनुभव
अनुभव
Sanjay ' शून्य'
मौत से लड़ती जिंदगी..✍️🤔💯🌾🌷🌿
मौत से लड़ती जिंदगी..✍️🤔💯🌾🌷🌿
Ms.Ankit Halke jha
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
फिर आई स्कूल की यादें
फिर आई स्कूल की यादें
Arjun Bhaskar
ओझल मनुआ मोय
ओझल मनुआ मोय
श्रीहर्ष आचार्य
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
वृक्ष लगाओ,
वृक्ष लगाओ,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ईश्वर से यही अरज
ईश्वर से यही अरज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
धनतेरस जुआ कदापि न खेलें
कवि रमेशराज
वो क्या देंगे साथ है,
वो क्या देंगे साथ है,
sushil sarna
हमारा भारतीय तिरंगा
हमारा भारतीय तिरंगा
Neeraj Agarwal
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
वक्त सा गुजर गया है।
वक्त सा गुजर गया है।
Taj Mohammad
आसमान
आसमान
Dhirendra Singh
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
ग़ज़ल/नज़्म - उसके सारे जज़्बात मद्देनजर रखे
अनिल कुमार
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
*दीपावली का ऐतिहासिक महत्व*
Harminder Kaur
लेंस प्रत्योपण भी सिर्फ़
लेंस प्रत्योपण भी सिर्फ़
*Author प्रणय प्रभात*
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
नाज़ुक सा दिल मेरा नाज़ुकी चाहता है
ruby kumari
"खिलाफत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...