प्रकृति का बलात्कार
समय है अपनी चेतना जगाने का
प्रकृति का बलात्कार
आदम ने बहुत किया
हर शतक के
विकराल काल के
संकेत को हमने
अनदेखा तो कर दिया
कलियुग का
यह अदृश्य असुर
इसके तांडव का सुर
और फिर खड़ा है
ये विकराल “काल”
#करोना अत्याचार अब
समय है “ध्यान”
और चेत जाने का
समय है अपनी चेतना जगाने का