प्यासा के राम
प्यारे मेरे राम सुनोना अबकी तो।
गाता कैसा दास कहे ना तबकी तो।
होना मेरा हास कहीं ना चुपके से
देखो मेरे राम भुलो ना अबकी तो।
रोते-रोते माह गये है कितने जी
सोचो न्यारे राम कहो जी अबकी तो
प्यासे “प्यासा” होंठ जले से लगते हैं ,
प्यारे -प्यारे राम सुनोना मन की तो ।
–“प्यासा”