Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2020 · 1 min read

(( प्याला ))

हर रोज़ हम मुलाकात का वादा कर दिल को बहलाते हैं
रोज़ दिल मिलने की आरज़ू में बच्चो की तरह ज़िद्द में रूठ जाता है

शाम होते ही आँखों मे एक सैलाब उमड़ता है
तेरी जुदाई का ये कैसे दर्द हैं जो मुझे रुला जाता है

ये इश्क़ का मौसम है जहाँ सिर्फ तन्हाई रहती है
कुदरत का मौसम तो बदल जाता है

कागज की कश्ती सा है इश्क़ तेरा
ज़रा सैलाब क्या आया वो डूब जाता है

मैखाने का शराब भी मेरे गम को मिटा न पाया
ज़्यो प्याला उठाओ , वो टूट जाता है

गैरो को कहा पता थी कमजोरियां मेरी
तू अपना था इसलिए दर्द दिये जाता है

फ़रियाद मेरे इश्क़ की तड़पायेगी तुम्हे भी एक दिन
वो कहाँ से वापस आएगा ,जो दुनिया से चला जाता है

Language: Hindi
7 Likes · 1 Comment · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
रेत मुट्ठी से फिसलता क्यूं है
Shweta Soni
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
Dr. Rajeev Jain
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
* पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*
* पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*
पूर्वार्थ
स्वार्थ
स्वार्थ
Neeraj Agarwal
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
नास्तिकता
नास्तिकता
मनोज कर्ण
#तुम्हारा अभागा
#तुम्हारा अभागा
Amulyaa Ratan
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे  दिया......
अच्छा ही हुआ कि तुमने धोखा दे दिया......
Rakesh Singh
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
singh kunwar sarvendra vikram
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
शिकस्त मिली ओलंपिक में उसका कोई गम नहीं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
...
...
*प्रणय*
मनभावन बसंत
मनभावन बसंत
Pushpa Tiwari
वैनिटी बैग
वैनिटी बैग
Awadhesh Singh
मेरे अल्फाज़
मेरे अल्फाज़
Dr fauzia Naseem shad
।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
"नग्नता, सुंदरता नहीं कुरूपता है ll
Rituraj shivem verma
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
3736.💐 *पूर्णिका* 💐
3736.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हर कस्बे हर मोड़ पर,
हर कस्बे हर मोड़ पर,
sushil sarna
फिल्म तो सती-प्रथा,
फिल्म तो सती-प्रथा,
शेखर सिंह
बेटा
बेटा
अनिल "आदर्श"
संस्कृति
संस्कृति
Abhijeet
क्यो नकाब लगाती हो
क्यो नकाब लगाती हो
भरत कुमार सोलंकी
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
चांदनी भी बहुत इतराती है
चांदनी भी बहुत इतराती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*सपनों का बादल*
*सपनों का बादल*
Poonam Matia
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...