प्यार
उम्र गुज़र गई तुमको हमपें,हमकों तुमपें ऐतबार न हुआ,
ना जाने क्यों हमको कभी,तुमसे “प्यार”न हुआ।
नज़रों से नज़रे उलझती रही हमेशा,
लब्ज़ो से कभी मगर कोई इकरार न हुआ।
#सरितासृजना
उम्र गुज़र गई तुमको हमपें,हमकों तुमपें ऐतबार न हुआ,
ना जाने क्यों हमको कभी,तुमसे “प्यार”न हुआ।
नज़रों से नज़रे उलझती रही हमेशा,
लब्ज़ो से कभी मगर कोई इकरार न हुआ।
#सरितासृजना