प्यार ~ व्यापार
प्यार को बस प्यार रहने दो! सनम
फ़ायदा, घाटा, लाभ, हानि ! प्रतिशत
प्यार में ना देखे कोई
इन सबकी ज़रूरत, पड़ती हैं व्यापार में
क्या तुमारी trsdna हैं ये सारी cheeze भरी हुई
फिर तो वो प्यार नहीं
वो देह का व्यापार हैं
मेरी खातिर बस इक बारी
बिन लोभ प्रलोभन के तुम
प्यार! करके तो देखों
फिर देख लेना प्रेम बारिश
मन में तेरे होगी के नहीं
तुम बस एक बारी
प्रेम बारिश में bhigna
मेरी मानों इससे बढ़कर
दुनिया में कुछ भी नहीं
✍️ D. K