Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2024 · 1 min read

प्यार भरा इतवार

भाता हमको आज भी उतना ही इतवार
जितना बचपन में हमें आता इस पर प्यार।
सूर्योदय के पूर्व ही खोलें प्रतिदिन आँख
यही एक दिन है मिला, भैया चादर तान।

बच्चों के पीछे नहीं, किच किच करनी आज
मस्ती से वे सो रहे, मिला उन्हें अवकाश।
अधिक देर तक सोएँगे, शायद घंटा एक
साथ मिला परिवार का, यह विचार है नेक।

सच है कुछ फरमाइशें करनी होंगीं पूर्ण
मुख पर तृप्ति देख कर जीवन हो सम्पूर्ण।
बच्चों के संग घूमने भी जाएंगे आज
पूरे भी कर पायेंगे, कब के छूटे काज।

बचपन के इतवार का था अपना इक रंग
देख हमारी मस्तियाँ, रह जाते सब दंग।
अपने बचपन का लिया , जमकर के आनंद
मम्मी पापा को किया, जी भर कर के तंग।

मम्मी से फरमाइशें, पापा की मनुहार
भोली सूरत देख कर, जाते थे वे हार।
बदला है अब दृश्य भी, बदले है किरदार
पूरी हम क्यों न करें, फरमाइशें अपार।

सच है जब परिवार, का मिलता रहता प्यार
दिन कोई खलता नही, मंगल या इतवार।

डॉ मंजु सिंह गुप्ता

Language: Hindi
164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इंसानियत के लिए
इंसानियत के लिए
Dr. Rajeev Jain
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
प्रकृति की गोद खेल रहे हैं प्राणी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*निरोध (पंचचामर छंद)*
*निरोध (पंचचामर छंद)*
Rituraj shivem verma
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
तस्वीर से निकलकर कौन आता है
Manoj Mahato
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
शांति वन से बापू बोले, होकर आहत हे राम रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*********** एक मुक्तक *************
*********** एक मुक्तक *************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इस जनम में तुम्हें भूल पाना मुमकिन नहीं होगा
इस जनम में तुम्हें भूल पाना मुमकिन नहीं होगा
शिव प्रताप लोधी
हर दिल-अजीज ना बना करो 'साकी',
हर दिल-अजीज ना बना करो 'साकी',
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
वसन्त का स्वागत है vasant kaa swagat hai
Mohan Pandey
चुप
चुप
Dr.Priya Soni Khare
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ख़ुद की हस्ती मिटा कर ,
ओसमणी साहू 'ओश'
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
पीयूष गोयल के २० सकारात्मक विचार.
Piyush Goel
"व्यवहारों की जगह व्यापारों ने ले ली है ll
पूर्वार्थ
निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
निःशब्द के भी अन्तःमुखर शब्द होते हैं।
Shyam Sundar Subramanian
शिव
शिव
Dr. Vaishali Verma
*** एक दौर....!!! ***
*** एक दौर....!!! ***
VEDANTA PATEL
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
सूखा पेड़
सूखा पेड़
Juhi Grover
" शून्य "
Dr. Kishan tandon kranti
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम
Swami Ganganiya
■हरियाणा■
■हरियाणा■
*प्रणय*
ମୁଁ କିଏ?
ମୁଁ କିଏ?
Otteri Selvakumar
चंद्र मौली भाल हो
चंद्र मौली भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
नाचेगी धरती, झुमेगा गगन,
Shashi kala vyas
स्त्री:-
स्त्री:-
Vivek Mishra
गुलाब के काॅंटे
गुलाब के काॅंटे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
मुक्तक - यूं ही कोई किसी को बुलाता है क्या।
मुक्तक - यूं ही कोई किसी को बुलाता है क्या।
सत्य कुमार प्रेमी
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
Loading...