प्यार दिलों का सौदा है तो
प्यार दिलों का सौदा है- गजल- कोमल काव्या
प्यार दिलों का सौदा है तो बात यहीं तक रहने दो
जो चुभते हैं अक्सर वो सवालात यहीं तक रहने दो ।
हमने अपना जान के तुमको अपनी जान बनाया था
साथ गुजारे सुख दुख के लमहात यहीं तक रहने दो ।
रह गया शृंगार अधूरा मंडप बैठी दुल्हन का
जनवासे से लौट गई बारात यहीं तक रहने दो ।
कुछ तेरे थे कुछ मेरे थे मिलकर गीत बनाए थे
जो दी थी और जो ली थी सौगात यहीं तक रहने दो ।
जग को जीते तो क्या जीते अपनों को जो हार दिया
बंद करो अब खेल जफ़ा के मात यहीं तक रहने दो।
देर से सीखा है हमने पर सीखा चलन जमाने का
भूल चुके जो जाग के काटीं रात यहीं तक रहने दो । ।
मांग के मिलता है कब सच्चा प्यार खुदा की बस्ती मे
लो ठुकरा दी हमने भी खैरात यहीं तक रहने दो।
कोमल कोमल कहकर दिल को हमने नाजुक कर डाला
सबके होते एक नही जसबाट यहीं तक रहने दो ।
प्यार दिलों का सौदा है तो बात यहीं तक रहने दो ।