प्यार तुम मीत मेरे हो
प्यार तुम मीत मेरे हो,
गाऊँ संगीत तेरे अब,
प्रेम है तुमसे मेरी कसम,
बजे वो संगीत तेरे है।
नींद अब खोयी जब से है,
आँखों में प्यार जो तेरा है,
तुम्हीं से यारी अब अपनी है,
महफ़िल अब तेरा लगता है ।
ख्याल तेरा जब से है,
तुम बिन जीना मुश्किल है,
तुम्हारी आदतों में अब,
होश में रहना नामुमकिन है ।
कभी तो आ भी जाया करो,
ये यादें दिल में रहती है,
प्यार से अपने तुम हमको
दिल को सताया न करो।
मीत तुम मेरे बन गये हो,
रूठ का जाया न करो,
तुझे बाहों में भर लूँगा,
प्यार की छाँव बन जाओ तुम।
रचनाकार ✍🏼
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।