Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2019 · 1 min read

प्यार ज्यादा नजर आता है

तेरे रूठने में प्यार ज्यादा नजर आता है
डांट कर जब बोलते हो, शजर आता है

मुलाकात की बात होते तेरा ‘न’ कहना
उसी ‘न’ में इजाजत का असर आता है

आते ही रख देता जब लब तेरे लब पर
तब चाँद भी साथ लेके सहर आता है

दो जिस्म एक रूह में तब्दील हो जाते
देख ऐसी मुहब्बत,देर से पहर आता है

गदर होता है इस कदर दिल के अंदर
रुक रुक के खुमारी का कहर आता है

?रवि कुमार सैनी ‘राही’

3 Likes · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

हिंदी दोहे - उस्सव
हिंदी दोहे - उस्सव
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
स्वयं को सुधारें
स्वयं को सुधारें
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
आसमान तक पहुंचे हो धरती पर हो पांव
नूरफातिमा खातून नूरी
जीवन डगर के ओ सहचर
जीवन डगर के ओ सहचर
Saraswati Bajpai
एक चाय हो जाय
एक चाय हो जाय
Vibha Jain
आजकल की दुनिया जितने वाले हौसला बढ़ाते है लेकिन मैं हारने वा
आजकल की दुनिया जितने वाले हौसला बढ़ाते है लेकिन मैं हारने वा
रुपेश कुमार
ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पिता
पिता
Dr. Rajeev Jain
कब मेरे मालिक आएंगे!
कब मेरे मालिक आएंगे!
Kuldeep mishra (KD)
मैं गलत नहीं हूँ
मैं गलत नहीं हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
शीर्षक -बिना आपके मांँ
शीर्षक -बिना आपके मांँ
Sushma Singh
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
Khaimsingh Saini
सीरत अच्छी या सूरत
सीरत अच्छी या सूरत
MEENU SHARMA
हमेशा सही के साथ खड़े रहें,
हमेशा सही के साथ खड़े रहें,
नेताम आर सी
.......अधूरी........
.......अधूरी........
Naushaba Suriya
गाय, गौदुग्ध और भक्त
गाय, गौदुग्ध और भक्त
Dr MusafiR BaithA
अगर कुछ करना है,तो कर डालो ,वरना शुरू भी मत करना!
अगर कुछ करना है,तो कर डालो ,वरना शुरू भी मत करना!
पूर्वार्थ
कलम और किताब की लड़ाई
कलम और किताब की लड़ाई
Shekhar Chandra Mitra
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
डॉ. दीपक बवेजा
एक शायर का दिल ...
एक शायर का दिल ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
Dr Archana Gupta
तेवरी किसी नाकाम आशिक की आह नहीं +ज्ञानेन्द्र साज
तेवरी किसी नाकाम आशिक की आह नहीं +ज्ञानेन्द्र साज
कवि रमेशराज
आवाहन
आवाहन
Shyam Sundar Subramanian
मानव तन
मानव तन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
महल था ख़्वाबों का
महल था ख़्वाबों का
Dr fauzia Naseem shad
एक हमारे मन के भीतर
एक हमारे मन के भीतर
Suryakant Dwivedi
बेटियां
बेटियां
Phool gufran
मीत की प्रतीक्षा -
मीत की प्रतीक्षा -
Seema Garg
*चाटुकार*
*चाटुकार*
Dushyant Kumar
Loading...