प्यार ज्यादा नजर आता है
तेरे रूठने में प्यार ज्यादा नजर आता है
डांट कर जब बोलते हो, शजर आता है
मुलाकात की बात होते तेरा ‘न’ कहना
उसी ‘न’ में इजाजत का असर आता है
आते ही रख देता जब लब तेरे लब पर
तब चाँद भी साथ लेके सहर आता है
दो जिस्म एक रूह में तब्दील हो जाते
देख ऐसी मुहब्बत,देर से पहर आता है
गदर होता है इस कदर दिल के अंदर
रुक रुक के खुमारी का कहर आता है
?रवि कुमार सैनी ‘राही’