प्यार जिसको हम करें, उसको भी मुझसे प्यार हो।
ग़ज़ल
2122……..2122………2122……..212
प्यार जिसको हम करें, उसको भी मुझसे प्यार हो।
दो दिलों का मेल है, दोनों को ये स्वीकार हो।
प्यार का इजहार करने का, बराबर हक भी हो,
दिल पे इक दूजे के यारो, हर समय अधिकार हो।
बेइमानी चोरी से ये, फल नहीं सकता कभी,
सच यही है कर के देखो, कोई भी व्यापार हो।
बालपन में जिंदगी के, सपने देखे थे कभी,
पास में प्यारी सी पत्नी, चाय औ’र अखबार हो।
खूबसूरत जिंदगी को, चाहिए ज्यादा नहीं,
स्वस्थ सुंदर तन व मन हो, औ’र सुखी घरबार हो।
आपसा प्यारा न कोई, आप जीवन डोर हो,
हो सुबह आंखें खुलें औ’र आपका दीदार हो।
जिंदगी में एक प्रेमी, मिल सके गर प्यार को,
कृष्ण मीरा राधिका सी, प्रेम की बौछार हो।
……..✍️ प्रेमी