प्यार जिंदा रहे दिलों में
प्यार जिन्दा रहे दिलों में दिल वर्ना माज़ूर हो जाएगा
आग से नहाया देह कभी फूल कभी धूल हो जाएगा
जिंदगी के उम्दा दरिया में देह तो बस इक नाव है
प्यार भरा दिल ही तो आखिर में साहिल हो जाएगा
मौत के आंगन में जब उतरने की हो मुझे तलाश
प्यार के सिवा क्या है जो साथ मेरे हो जाएगा !
…सिद्धार्थ