प्यार क्या है
प्यार कोई कला नहीं
जो सिखाई जा सके
है नहीं ये इमारत कोई
जो बनाई जा सके
प्यार कोई बात नहीं
जो बताई जा सके
है नहीं ये आग कोई
जो बुझाई जा सके
प्यार कोई निशानी नहीं
जो मिटाई जा सके
है नहीं ये कहानी कोई
जो सुनाई जा सके
प्यार कोई टूटी खिड़की नहीं
जो जोड़ी जा सके
है नहीं ये रूठी कोई
जो मनाई जा सके
प्यार कोई मोहलत नहीं
जो किसी को भी दी जा सके
है नहीं ये दौलत कोई
जो चुराई जा सके
प्यार कोई मिट्टी नहीं
जो बांधी जा सके
है नहीं ये चिट्ठी कोई
जो पढ़ी जा सके
प्यार तो है एक अहसास
जो सिर्फ महसूस किया जा सके
है ये एक खेल अनोखा
जो हार कर ही जीता जा सके
प्यार तो है एक जादू
जिसमें बंद आंखों से देखा जा सके
है ये एक जज़्बात अनोखा
जो गैरों को अपना बना सके।