Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

प्यार क्या है

प्यार कोई कला नहीं
जो सिखाई जा सके
है नहीं ये इमारत कोई
जो बनाई जा सके

प्यार कोई बात नहीं
जो बताई जा सके
है नहीं ये आग कोई
जो बुझाई जा सके

प्यार कोई निशानी नहीं
जो मिटाई जा सके
है नहीं ये कहानी कोई
जो सुनाई जा सके

प्यार कोई टूटी खिड़की नहीं
जो जोड़ी जा सके
है नहीं ये रूठी कोई
जो मनाई जा सके

प्यार कोई मोहलत नहीं
जो किसी को भी दी जा सके
है नहीं ये दौलत कोई
जो चुराई जा सके

प्यार कोई मिट्टी नहीं
जो बांधी जा सके
है नहीं ये चिट्ठी कोई
जो पढ़ी जा सके

प्यार तो है एक अहसास
जो सिर्फ महसूस किया जा सके
है ये एक खेल अनोखा
जो हार कर ही जीता जा सके

प्यार तो है एक जादू
जिसमें बंद आंखों से देखा जा सके
है ये एक जज़्बात अनोखा
जो गैरों को अपना बना सके।

8 Likes · 1 Comment · 3372 Views
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all

You may also like these posts

विकास
विकास
Shailendra Aseem
#ਹੁਣ ਦੁਨੀਆ 'ਚ ਕੀ ਰੱਖਿਐ
#ਹੁਣ ਦੁਨੀਆ 'ਚ ਕੀ ਰੱਖਿਐ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कारोबार
कारोबार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
Ravi Prakash
मन
मन
MEENU SHARMA
*Sunshine*
*Sunshine*
Veneeta Narula
नफरत
नफरत
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
Dr. Rajeev Jain
बेटियाँ
बेटियाँ
Shweta Soni
कर्मफल भोग
कर्मफल भोग
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हम मुहब्बत कर रहे थे........
हम मुहब्बत कर रहे थे........
shabina. Naaz
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
Mukesh Kumar Sonkar
हक मिल जाए
हक मिल जाए
संतोष बरमैया जय
*शादी के पहले, शादी के बाद*
*शादी के पहले, शादी के बाद*
Dushyant Kumar
💐तेरे मेरे सन्देश-3💐
💐तेरे मेरे सन्देश-3💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पूर्वार्थ
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
प्रश्न - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
हिन्दी गीति काव्य में तेवरी की सार्थकता +सुरेश त्रस्त
हिन्दी गीति काव्य में तेवरी की सार्थकता +सुरेश त्रस्त
कवि रमेशराज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
तौबा ! कैसा यह रिवाज
ओनिका सेतिया 'अनु '
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
ये साल बीत गया पर वो मंज़र याद रहेगा
Keshav kishor Kumar
प्रकृति का दर्द
प्रकृति का दर्द
Abhishek Soni
माँ की दुआ
माँ की दुआ
Anil chobisa
■ लघु व्यंग्य :-
■ लघु व्यंग्य :-
*प्रणय*
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
*तू और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कारण
कारण
Ruchika Rai
7) तुम्हारी रातों का जुगनू बनूँगी...
7) तुम्हारी रातों का जुगनू बनूँगी...
नेहा शर्मा 'नेह'
"ऐसी राह पर"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं जिससे चाहा,
मैं जिससे चाहा,
Dr. Man Mohan Krishna
अतीत की स्मृतियों से
अतीत की स्मृतियों से
Sudhir srivastava
Loading...