प्यार के पंछी
दिल मे आग बहुत है पर दिखाऊँ कैसे
तेरी याद में तड़पता हु बताऊँ कैसे,
अब तो अरमा बिखर गए है तेरे दीदार के लिए
पर दिल को अभी भी इंतजार है तेरा।
लहू बनके निकलते है आंशू अब आंखों से
ऐसे हालात है मेरे बताऊँ कैसे,
सोचता हूँ जिस दिन होगा दीदार तेरा
अरमानों को परोस कर रख दूँगा तेरे सामने।
सिमट सी गयी है जिन्दगी अरमानो में
टूट सा गया है दिल तेरे ख्यालों में,
तड़पता है ये दिल तेरे दीदार के लिए
पर दिल को अभी भी इंतजार है तेरा।