प्यार की हसरतें
हसरतें बहुत है तेरे संग चलूँ,
जिदंगी का पल-पल तेरे साथ जियूँ,
फूलों की महकती खुशबू की तरह,
तेरे एहसासों को अपने साथ बदल लूँ,
बहती नदियों की धरा मिलती हो जैसे,
तेरी सांसो में अपनी सांसें जोड़ दूँ वैसे,
आँखों में डूबा रहूँ हर पल ,
चाँदनी रात में तेरा मुख एकटक् देखता रहूँ,
पवन ज्यूं बहती जाए धीरे से हर छोर ,
तेरी बातों पर अपनी बात बदल लूँ उस ओर,
प्यार जिस्म से इतनी गहरी भी ना हुई,
मेरे दिल पे तेरा हक़ हो जाए खैर,
मुस्कुराते हुए देखता रहुंँ तेरे ओठों को
पुष्प की पंखुड़ियों-सी रंगत बिखरती रहे,
तेरे केश की घटा छा जाए मुझ पर,
खूबसूरती में भीग कर डुबकी लगा जाऊँ,
हर नज़र से तुझे बचा कर अपने समीप ले आऊं,
मैं तेरे करीब हूँ ऐसे तेरा प्यार खीच लाए मुझे।
रचनाकार-
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा,
हमीरपुर।