प्यार की खोज में
आज नवयुवक भटक रहे हैं,
प्यार की खोज में।
प्यार आकर्षण को मान बैठे हैं,
दुनिया की होड़ में।
भुलाकर मां- बाप का सच्चा प्यार,
चार दिन की चांदनी में ,
उम्र भर का उजाला ढूंढ़ रहे हैं।
आज नवयुवक भटक रहे हैं।
प्यार करना ग़लत नहीं,
पर न निभा पाना भी तो सही नहीं।
एक को छोड़ दूसरे को क्यों चुन रहें हैं।
आज नवयुवक भटक रहे हैं
क्यों प्यार सिर्फ शरीर और ,
धन- दोलत से करते हो।
आत्मा को क्यों पीछे छोड़ रहे हैं।
आज नवयुवक भटक रहे हैं