Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2023 · 1 min read

اب سیاست کے ڈھب اسکو آنےلگ

اب سیاست کے ڈھب اسکو آنےلگ
لوگ جاجا کے دولت لٹانےلگے
جنکو حالات سے جنگ کرنا تھی وہ حوصلہ ہار کر زھر کھانے لگے
میری رفتار تھوڑی سی کیا بڑھ گئی
لوگ راھوں میں کانٹے بچھانے لگے

دوریاں باپ بیٹوں میں بڑھنے لگیں
دن قیامت کے نزدیک آنے لگے

خودغرضی اتنا ہونے سے کیا فائدہ
ھرکوئ آپ سے دور جانے لگے

جو وراثت میں پایا تھا ہم نے مکاں
کھر بنانے میں اسکو زمانے لگے

ڈھونڈتا پھر رھا ھے دوا عشق کی
ہوش اب جاکے دل کے ٹھکانے لگے

اتنا مصروف بھی شاعری میں نہ ہو
چین گھر کا ترے گھر سے جانے لگے

سب یہ میٹھی زباں کا ھے کامل اثر
غیر بھی تیرے نزدیک آنے لگے

کامل بدایونی

Language: Urdu
Tag: غزل
109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
है कौन वो
है कौन वो
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
वेलेंटाइन डे शारीरिक संबंध बनाने की एक पूर्व नियोजित तिथि है
Rj Anand Prajapati
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
हे गुरुवर तुम सन्मति मेरी,
Kailash singh
"रियायत के रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
Extra people
Extra people
पूर्वार्थ
दीपावली
दीपावली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
Lokesh Singh
रंगरेज कहां है
रंगरेज कहां है
Shiva Awasthi
"महंगाई"
Slok maurya "umang"
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
परिवार होना चाहिए
परिवार होना चाहिए
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
बचपन
बचपन
नन्दलाल सुथार "राही"
2707.*पूर्णिका*
2707.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज
कवि रमेशराज
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
दूर रह कर सीखा, नजदीकियां क्या है।
Surinder blackpen
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर ।
Dhriti Mishra
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
सरेआम जब कभी मसअलों की बात आई
Maroof aalam
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
आर.एस. 'प्रीतम'
इसमें कोई दो राय नहीं है
इसमें कोई दो राय नहीं है
Dr fauzia Naseem shad
इश्क चाँद पर जाया करता है
इश्क चाँद पर जाया करता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
गर कभी आओ मेरे घर....
गर कभी आओ मेरे घर....
Santosh Soni
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
Memories
Memories
Sampada
बीती सदियाँ राम हैं , भारत के उपमान(कुंडलिया)
बीती सदियाँ राम हैं , भारत के उपमान(कुंडलिया)
Ravi Prakash
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
■ सीढ़ी और पुरानी पीढ़ी...
*Author प्रणय प्रभात*
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जय श्रीराम
जय श्रीराम
Indu Singh
समझौता
समझौता
Dr.Priya Soni Khare
Loading...