प्यार की कीमत
प्यार की कीमत क्या है
कोई बताओ मुझे
दिलों को मिलने की ज़रूरत क्या है
कोई समझाओ मुझे।।
प्यार तो है अनमोल
कौन इसे खरीद पाएगा
हो जाए एक बार जो
कौन इसे छीन पाएगा।।
प्यार की कीमत तो प्यार ही है
प्यार कोई सौदा नहीं है
जो खरीद ले हम तोल भाव करके
प्यार कोई पौधा नहीं है।।
प्यार तो एक बीज है
जो उगता है दिल की मिट्टी में
नमी मिलती है उसको
जज्बातों भरी माशूक की चिट्ठी में।।
उग जाए जिस मिट्टी पर
उसे दूसरी जगह रोप नहीं सकते
उठ जाए लहर प्यार की
तो उसे फिर रोक नहीं सकते।।
कोशिशें हुई प्यार को
मिटाने की ज़माने में जब भी
खुद मिट गए लेकिन
मिटा नहीं पाए प्यार को तब भी।।
दिखाते हैं अपनी भरी तिजोरियों को
आते है प्यार के खरीददार भी बहुत
समझते है जब वो, बाज़ार नहीं है प्यार
तकलीफ होती है फिर उनको भी बहुत।।
है ये तो खुदा की नैमत ऐसी
जो मिलती है किस्मत वालों को
कोई कीमत नहीं होती इसकी
ये तो तोहफ़ा है दिलवालों को।।