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5 May 2021 · 1 min read

प्यार की अर्ज़ी

रोज़ देखता हूं उसको जो
वो तिल तेरे गालों पर है
देखता तो हूं उसको भी जो
वो गजरा तेरे बालों पर है।।

देखने से तू मुझको
अब रोक नहीं सकता
चाहने पर भी तू अब
कुछ कर नहीं सकता।।

करता है तू नफरत
मुझसे जितनी ज्यादा
इश्क है मुझे तुमसे
उससे कहीं ज्यादा।।

जीत इश्क की होती है
आखिर में ये समझ लेना
बाकी कुछ नहीं चाहिए
बस ये दिल मुझे दे देना।।

हिफाजत से रखूंगा इसे
मैं अपने दिल में छुपाकर
है यकीन एक दिन तुमको
लाऊंगा दुल्हन बनाकर।।

रखूंगा तुमको हमेशा मैं
अपने दिल में बसाकर
ना जाओ यूं तोड़के दिल
मुझको अपना बनाकर।।

छोटी सी है ये ज़िंदगी
इसे नफरत में ना गंवाओ
मिलकर मेरे साथ अब
प्यारा सा एक घर बसाओ।।

Language: Hindi
11 Likes · 5 Comments · 577 Views
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