प्यार का स्वप्निल सफर
प्यार ही के गांव में
प्रेम का बसा शहर
वफाओं की मंजिलों पर
प्रीत की सारी डगर
पलकों की छांव में
प्यार का स्वप्निल सफर
प्यार के सुहाने सफर पर
निकल पड़े हैं बेखबर
जिंदगी में प्यार का
ऐंसा चढ़ा खुमार है
प्यार बिना सूना
इतना बड़ा संसार है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी