प्यार का फूल खिलाया नही जाता
प्यार का फ़ूल खिलाया नही जाता
प्यार का फ़ूल खिलाया नही जाता।
ये इश्क़ है साहेब हर किसी को बताया नही जाता।
मिलती है खुशियां तो दिल फ़ूला समाया नही जाता।
नफ़रत की एक चिंगारी से घर जलाया नही जाता।
आती है बहारें तो खुद को झूमकर नाचाया नही जाता।
पल भर की खुशियों में मग़रूर खुद को बनाया नही जाता।।
जलती है मन मे चिंता की चिताये सबको दिखाया नही जाता।
दिल की हर घुटन को लबो से बयाँ किया नही जाता।।
सुलगती चली जाती है आपसी मदभेद से रिश्तों को डोरियां।
इन्हें आपसी प्रेम के नीर से बुझाया नही जाता।।।
दम तोड़ देती है घर के अंदर नारियों के अरमानों की डोलियां
इन्हें अपने ही घरों में चैन से जीने दिया नही जाता।
चलो सोनू कही और चले अब और दर्द में जिया नही जाता।
इस घोर कलयुग में किसी से अब आस लगाया नही जाता।।
रचनाकार
गायत्री सोनू जैन मंदसौर
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