प्यार का पहला पैगाम
“प्यार का पहला पैगाम”
“प्यार का पहला पैगाम ”
सोचती हूँ तुझको
एक खत लिखूं जिसमे
प्यार का पहला
पैगाम् लिखूं और
उस पर हमदम
तेरा नाम लिखूं।
आँखों को लिखूं
समन्दर
या अथाह प्रेम-सागर….
मन गहरा है
जिसमे बसता
प्रीतम प्यारा
पागल या
दीवाना लिखूं।
अधरों पर है
प्यास मिलन की
या फिर गीत
कोई सुबह-शाम
लिखूं।
हाथों में
है प्रेम लकीरें
या फिर
प्रियतम अपना
नाम लिखूं।
कदम-कदम
पर जीवन साथी
तुमको हमदम
या
फिर हमनाम लिखूं।
प्यार का पहला
पैगाम् लिखूं।
सिर्फ तुम्हारे
नाम लिखूं
अम्बर पर जितने
भी तारे।
मांग का मैं
श्रंगार
या फिर
तेरी बाँहों का
हार लिखूं।
चाँद लिखूं
अरमान लिखूं……
या फिर
तुमको अपनी
जान लिखूं।
प्यार का पहला
पैगाम लिखूं ।।
सविता वर्मा “ग़ज़ल “